उत्पत्ति 24-25
कारवां अब कनान पहुँचा। युवती रिबका ने अपना होने वाले देश देखा। शाम में उसने एक नव युवक को कारवां की ओर आते देखा। जब उसे पता चला कि वह उसका होने वाला पति इसहाक था, रिबका अपने ऊँट से उतर गई और अपने मुख पर परदा डाला। रिवाज के अनुसार, उसके पति को उसका चेहरा शादी के दिन ही देखना चाहिए।
इसहाक और रिबका ने शादी की और कुछ वर्षों बाद उन्हें एसाव और याकूब नामक जुड़वाँ पुत्र मिले।