एक मैदान में एक गाँव का चूहा रहता था। एक शहर का चूहा उसका दोस्त था। एक दिन, गाँव के चूहे ने शहर के चूहे को भोजन के लिए निमंत्रित किया। गाँव के चूहे ने अपने अतिथि को मौसम के सबसे अच्छे बेर, सुपारी और जड़ों परोसीं। किन्तु शहर के चूहे को यह साधारण भोजन पसंद नहीं लगा। उसने गाँव के चूहे से कहा, “मुझे स्पष्टवादी होने के लिए माफ़ करना, लेकिन तुम्हारे गाँव का भोजन घटिया और बेस्वाद है। तुम्हें मेरे घर आकर अच्छे भोजन का स्वाद करना चाहिए।”
गाँव के चूहे ने शहर के चूहे का निमंत्रण स्वीकार कर लिया। जब वह शहर गया, उसके दोस्त ने उसको अंजीर, खजूर, शहद, बिस्कुट, रोटी और जैम परोसा। भोजन बहुत स्वादिष्ट था।
लेकिन दोनों चूहे शहर में शांति से भोजन नहीं खा सके। कभी-कभी एक बिल्ली वहाँ आती थी और चूहों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ता था। जिस बिल में चूहे रहते थे, वह छोटा और असुविधाजनक था।
“तुम्हारा जीवन कितना अभागा है!” गाँव के चूहे ने कहा। “मेरे घर में मैं कम से कम शांति से खाना खा सकता हूँ।” वह वापस अपने खेत जाने के लिए बहुत खुश था।
धन से हमेशा सुख नहीं मिलता।