कौवों का एक झुंड किसान को बहुत तंग करता था। वह किसान के खेत में आकर फसल नष्ट कर देता था। इसलिए किसान ने उन्हें मारने का फैसला लिया। एक दिन उसने खेत में जाल फैलाया। उसने जाल पर कुछ अन्न बिखर दिया। जब कौवे अन्न खाने के लिए आ गए, तो वे जाल में फँस गए। किसान जाल में फँसे हुए कौवों को देखकर प्रसन्न हुआ।
"अरे चोरों! अब तुम्हारा अंत होगा," उसने कहा। तभी उसे कूजने की आवाज़ सुनाई दी। तब किसान ने देखा कि जाल में कौवों के बीच एक कबूतर था।
"तुम इस गिरोह में कैसे आया?" किसान ने कबूतर से पूछा। "हालाँकि मैं तुम्हें नहीं बचाऊंगा। तुमने बुरा संग चुना है और इसका दंड तुम्हें अवश्य मिलेगा।" उसने सीटी बजाकर अपने शिकारी कुत्तों को बुलाया। शिकारी कुत्ते आए और एक-एक करके सारे पक्षियों को मार डाला।
बुरे संग में पड़ने से बेहतर अकेले रहना है।