एक भेड़िया लालच से माँस खा रहा था। तब उसके गले में एक हड्डी फंस गई। वह सारस के पास गया। “यदि तुम इस हड्डी को मेरे गले से निकालोगे, मैं तुम्हें अच्छी तरह से पुरस्कृत करूंगा।” भेड़िए ने सारस से कहा।
सारस घबरा गया लेकिन भेड़िए की विनती के अनुसार अपना सिर उसके मुँह के अंदर डाल दिया। अपनी लम्बी चोंच से उसने हड्डी को भेड़िए के गले से निकाली। उसके बाद भेड़िया जाने लगा।
“लेकिन मेरा इनाम क्या है?” सारस ने पूछा।
भेड़िए ने कहा, “तुमने अपना सिर मेरे मुँह के अंदर डाला और मैंने उसे नहीं काटा—वहीं तुम्हारा इनाम है।”
दुष्टों की सेवा करने के लिए इनाम की अपेक्षा मत करो।