उत्पत्ति 11
बाढ़ के बाद, मनुष्य ने धरती पर संतान बढ़ाई। वे एक बड़ा परिवार जैसे था और सब लोग एक सी भाषा बोलती थी। वे बहुत अहंकारी हो गए थे और उन्होंने आपस में कहा, "हम एक ऊंची मीनार बनाएँगे जो आकाश को छू लेगा।" परन्तु उन्होंने यहोवा परमेश्वर की ओर ध्यान न दिया और नहीं सोचा यदि यह योजना परमेश्वर को पसंद होगी। वे मानते थे कि उन्हें परमेश्वर की आवश्यकता नहीं थी। इसलिए परमेश्वर ने उनकी योजना में हस्तक्षेप किया।
जब मीनार का निर्माण हो रहा था, परमेश्वर ने हर व्यक्ति की भाषा बदल ली। इससे वे एक दूसरे को समझ न सके और मीनार का निर्माण पूरा नहीं कर पाए। सभी लोग इस शहर को छोड़ दिए और अन्य देशों में जीने के लिए चले गए। उस शहर का नाम “बेबेल” रखा गया जिसका मतलब भ्रम है।