एक बार एक लोमड़ी ने एक मुर्गे को पेड़ की ऊंची शाखा पर बैठे हुए देखा। यह मुर्गा मेरे लिए कितना अच्छा भोजन हो सकता है, लोमड़ी ने सोचा। लेकिन वह पेड़ पर चढ़ नहीं सकती थी। वह मुर्गे को नीचे लाना चाहती थी। इसलिए लोमड़ी पेड़ के नीचे बैठ गई।
“अरे मुर्गे, मुझे आप के लिए शुभ समाचार है,” लोमड़ी ने कहा। “स्वर्ग से आदेश है कि आज से सभी पक्षियों और जानवरों मित्र होंगे। वे एक-दूसरे को नहीं खाएंगे। इसलिए आप को मुझसे डरने की आवश्यकता नहीं है। कृपया नीचे आइए। उसके बाद हम दोनों ज़मीन पर बैठकर बातचीत करेंगे।”
मुर्गे ने कहा, “यह तो सचमुच शुभ समाचार है। मैं देख सकता हूँ कि तुम्हारे दोस्त तुमसे मिलने आ रहे हैं।”
“दोस्त? कौनसे दोस्त?” लोमड़ी ने पूछा।
“शिकारी कुत्ते।”
यह सुनते ही लोमड़ी डर से खड़ी हो हुई।
“तुम उनसे क्यों भयभीत हो रही हो?” मुर्गे ने पूछा। “हम सब अब मित्र हैं न?”
“मैं जानता हूँ,” लोमड़ी ने कहा। “लेकिन शायद शिकारी कुत्तों को यह जानकारी नहीं होगी।”
यह कहकर लोमड़ी तेज़ी से भाग गई।
चालाक लोगों की बातों पर अंधविश्वास नहीं करना चाहिए।