एक आदमी अपने घोड़े और गधे को बाज़ार ला रहा था। गधे की पीठ पर एक भारी बोझ था। घोड़े की पीठ पर कोई बोझ नहीं था।
रास्ते में, गधे ने घोड़े से कहा, “कृपया मेरा बोझ बाँटे। यह मेरे लिए बहुत भारी है।”
घोड़े ने कहा, “भारी है या नहीं, वह तुम्हारा बोझ है। वह तुम्हें ही ढोना होगा।”
गधे ने कुछ नहीं कहा। वे चुपचाप चलते रहे। कुछ समय के बाद, गधा सड़क पर गिर गया। उसके मुँह से झाग निकल रहा था। इसलिए, आदमी ने सारा बोझ गधे के पीठ से निकाला और घोड़े के पीठ पर रखा।
जब वे आगे बढ़ रहे थे, घोड़े ने सोचा, “मैंने गधे का बोझ नहीं बाँटा। अब मुझे सारा बोझ बाज़ार तक ढोना होगा।”
दूसरों का बोझ बाँटो तो तुम्हारा बोझ भी बाँट लिया जाएगा।